Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता मुझे याद है

मुझे याद है 
आज भी वह पहली मुलाकात।
 मैं घर पर झगड़ी, चिल्लाई थी ।
 नहीं हूं ,मैं कोई नुमाइश की चीज 
 मैं नहीं जाऊंगी।
 न हुई ढंग से तैयार 
 वह है क्या कहीं का 
 लाड साहब ।
 मेरे भी हैं दो हाथ पैर
  मैं हूं सही सलामत ।
  मुझे याद है आज भी वह
  पहली मुलाकात ,
  मैंने सबके बहुत समझाने पर
  अनमन से साड़ी पहनी थी।
  जाना था किसी दूसरे के घर
  अनजाने से हम ,अंजाना सफर
   मुझे याद है आज भी वह 
   पहली मुलाकात 
   मां पापा भाई-बहन 
  हुई कुछ औपचारिक शुरुआत
  नाम पूछा
   बहन ने पूछा
  हील की चप्पल पहनती हो क्या?
   मैंने कहा नहीं  
  कभी नहीं 
   उन्होंने फिर कहा क्या कभी नहीं पहनी 
   मैंने का नहीं 
   हाइट कितनी है 4 फुट 8 इंच
    दोबारा फिर पूछा?
   मैंने कहा 4 फुट 8 इंच
   उन्होंने फिर कहा 
    मैंने कहा विश्वास नहीं तो 
    इंची टेप से नाप लो 
    वह मुझे देखे जा रहे थे 
    अचानक से मेरी नजर मिली 
    मैंने देखा मैं शर्माई, घबराई 
   हम दोनों को अलग कमरे में बैठाया 
   उन्होंने पूछा क्या कुछ 
   तुम्हें जानना है मेरे बारे मे
    मैंने कहा स्वभाव तो रोज 
   परिस्थिति के साथ बदलता है 
    बस पता नहीं उन्होंने क्या देखा 
    हांँ कर दी।
    और नये जीवन यात्रा शुरू कर दी।
    मुझे याद है आज भी वह पहली मुलाकात
    अनजाने लोग हो गए जाने पहचाने 
    प्यार की डोर में बंध गए,
    हम दो दीवाने।
       रचनाकार ✍️
       मधु अरोरा
       12.3.2022
      
                              
                                     
  

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8 Comments

Shrishti pandey

14-Mar-2022 12:12 AM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

13-Mar-2022 05:49 PM

बहुत खूबसूरत

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Punam verma

13-Mar-2022 11:56 AM

Very nice

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